पीएम के घर बैठक, ब्यौरा नक्सलियों के पास...
30 March 2007
नई दिल्ली : छत्तीसगढ क़े जंगलों में नक्सलियों के एक ठिकाने से जब्त दस्तावेजों में गोपनीय सरकारी बैठकों की कार्रवाई का विवरण मिलने से सुरक्षा बलों के होश उड़ गए हैं। ये दस्तावेज हाल ही हुई एक मुठभेड़ के बाद नक्सलियों के ठिकाने की तलाशी में मिले थे। इन दस्तावेजों में पिछले साल हुई उन दो महत्वपूर्ण बैठकों की कार्यवाही का विवरण शामिल है, जिनमें नक्सल विरोधी अभियान पर चर्चा हुई थी।इनमें से एक बैठक साझा ऑपरेशन कमान की थी जो 29 अगस्त को केंद्रीय गृह सचिव वीके दुग्गल की अध्यक्षता में हुई थी और दूसरी बैठक 13 अप्रैल को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में उनके निवास पर हुई थी। इसमें सभी नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ ही खुफिया एजेंसियों,अर्ध-सुरक्षा बलों और संबंधित राज्यों के आला अधिकारियों ने भी भाग लिया था।
पडताल शुरू: एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार माओवादियों के पास दिल्ली में हुई दोनों गोपनीय बैठकों का विवरण कैसे पहुंचा, इस बात की पडताल की जा रही है।इसलिए भी चिंता की बात...अब तक माओवादियों ने अपने लडाकों की कंपनियां ही बना रखी थीं, लेकिन प्राप्त दस्तावेजों के अनुसार माओवादियों ने अब बटालियनें भी बनानी शुरू कर दी है जिनमें हथियारों से लैस हजार से भी ज्यादा लडाके शामिल हैं।
इससे साबित होता है कि इनकी ताकत में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही गुरिल्ला फोर्स अब अपना नाम पीपुल्स लिबरेशन आर्मी करने जा रही है।क्या जानकारी हासिल थी एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार माओवादियों को सरकारी बैठकों के नतीजों और अगली तैयारियों की पूरी जानकारी थी।
उन्हें मालूम था कि सरकार नक्सलियों से निबटने के लिए खुफिया तंत्र को मजबूत करने, हवाई ऑपरेशन चलाने और सुरक्षाकर्मियों को कमांडो प्रशिक्षण देने जा रही है। साथ ही उन्हें यह भी मालूम था कि शिविरों में रहने वाले करीब 50 हजार आदिवासियों को बचाने के लिए सरकार विशेष कदम उठाने जा रही है।
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